Amazon And Future Retail Deal In Hindi | Amazon vs future retail in hindi
भारत के रिटेल बाजार में वर्चस्व की लड़ाई जारी है। यह लड़ाई भारत के दिग्गज कंपनी रिलायंस और अमेजन के बीच है। विवाद के केंद्र में है फ्यूचर रिटेल जिसका बिग बाजार के नाम से सफल कारोबार रहा है।
जहां एक तरफ रिलायंस बिग बाजार के स्टोर्स का टेकओवर कर रहा है वही अमेज़न इसे रोकने का हर संभव प्रयास कर रहा है।
अमेजॉन का दावा है कि बिना फैसला के रिलायंस मनमानी कर रहा है। अमेजॉन पीछे हटने के लिए फ्यूचर रिटेल से 1528 करोड़ रुपए की मांग की है।
अमेज़न का कहना है कि उसने जो पैसे इन्वेस्ट किए थे उसे लौटा दिया जाए।
फ्यूचर रिटेल के मालिक किशोर बियानी का कहना है कि कंपनी के फाइनेंसियल स्थिति बेहतर नहीं है।
ऐसे में फ्यूचर रिटेल ग्रुप में अमेजन को रिलायंस द्वारा टेकओवर के बाद किसी एक कंपनी में हिस्सेदारी देने की बात कही है।
भारतीय रिटेल बाजार में वर्चस्व (Amazon vs future retail in hindi)
अमेजॉन और रिलायंस के बीच के इस मामले को भारत में रिटेल बाजार में वर्चस्व की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है।
फ्यूचर रिटेल जिसके भी पाले में जाएगा रिटेल बाजार में उसका वर्चस्व कायम होगा। रिलायंस दिन प्रतिदिन अपने रिटेल बाजार को मजबूत करता जा रहा है। जिओ मार्ट इसी का ताजा उदाहरण है।
अगर कंपनी फ्यूचर रिटेल पर टेकओवर करती है तो यह रिलायंस के लिए बहुत ही फायदे का सौदा होगा
एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट ईडी ने अमेज़न को फ्यूचर रिटेल को लेकर के समन जारी किया
एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट ईडी ने अमेज़न को फ्यूचर रिटेल को लेकर के समन जारी किया है। यह सामान Amazon के सीनियर अधिकारियों को जारी किया गया है,अभी अमेजन के कंट्री हेड के रूप में अमित अग्रवाल हैं जिनके खिलाफ समन जारी किया है गया है जोकि foreign exchange management act FEMA के vilolation के बारे मे है।
फेडरल एजेंसी ने कॉमर्स मिनिस्ट्री से जारी आदेश के तहत कहा की हम लोग इस संबंध में FEMA के विभिन्न धाराओं के तहत जांच कर रहे हैं,और इमेजिन तथा फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों के खिलाफ जो भी जरूरी कदम उठाने होंगे, लेने को तैयार हैं।
इस पूरे मामले में अगर सीनियर अधिकारी ज्वाइन करते हैं तो इन्वेस्टिगेशन को आगे बढ़ाया जा सकता है इसीलिए आज प्रवर्तन निदेशालय या एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट ईडी ने समन जारी किया। अमेजन ने संबंध मिलने के बाद इस बारे में रिस्पॉन्ड किया और कहा कि हम लोग इस संबंध की समीक्षा कर रहे हैं और उचित समय सीमा अर्थात दिए गए समय सीमा के अंदर respond करेंगे।
किशोर बियानी की फ्यूचर रिटेल ने संबंध के बारे में कोई अधिकारिक सूचना नहीं दी है और ना ही इस पर किसी तरह का रिस्पॉन्ड किया है।
Amazon vs future retail in hindi
अगस्त 2020 की बात है जब रिलायंस ने फ्यूचर ग्रुप के खुदरा कारोबार के अधिग्रहण के लिए 24713 करोड़ रुपए का सौदा किया था।इस सौदे के खिलाफ अमेरिका की अमेजन कंपनी ने आपत्ति जताई थी, और कहा की अमेजॉन और फ्यूचर ग्रुप के बीच में 2019 में साझेदारी हुई थी|
जिसके तहत यह बताया जा रहा है कि फ्यूचर रिटेल में रिलायंस या कुछ अन्य कंपनियां हिस्सेदारी नहीं खरीद सकते हैं या फ्यूचर रिटेल का विलय है इन कंपनियों में नहीं किया जा सकता है।
इस विषय में फ्यूचर रिटेल के निदेशको ने भारतीय प्रतिभा प्रतिस्पर्धा आयोग से अमेजॉन और फ्यूचर रिटेल ग्रुप के बीच में हुए कूपन समझौते को रद्द करने की मांग किए|
और साथ ही कहा की हिस्सेदारी के तहत अमेजॉन को फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड में 1431 करो रुपए निवेश करने की मंजूरी मिली है उसे भी रद्द किया जाए क्योंकि इस साझेदारी में फॉरेन एक्सचेंज रूल्स का उल्लंघन है औरतथ्यों को छुपाया गया है और इसे गलत तरीके से पेश किया गया है।
फ्यूचर रिटेल ग्रुप की कंपनी फ्यूचर कूपंस में अमेजन की 49% हिस्सेदारी है तथा फ्यूचर कूपन स्कीम फ्यूचर रिटेल में 9.9% हिस्सेदारी है।
सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र द्वारा फ्यूचर रिटेल का याचिका खारिज (Amazon And Future Retail Deal In Hindi)
यह बात अक्टूबर 2021 की है जब,सिंगापुर की अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र ने फ्यूचर रिटेल को तब झटका दे दिया जब उसने फ्यूचर रिटेल के उस याचिका को खारिज कर दी जिसमें फ्यूचर रिटेल ने रिलायंस और और फ्यूचर रिटेल के बीच हुए समझौते पर जारी अंतिम रोक हटाने की मांग की थी।
फ्यूचर रिटेल की याचिका खारिज होने जाने से इमेजिन को राहत मिली क्योंकि इसके खिलाफ एमेजन नहीं आपत्ति जताई थी।
फ्यूचर ग्रुप को कोर्टसे मिली राहत
जैसा कि आप सभी जानते हैं सिंगापुर इमरजेंसी आर्बिट्रेटर ने रिलायंस के साथ फ्यूचर के जो समझौते हुए थे जिसमें 24731 करोड़ रुपए की डील हुई थी, इस पर सिंगापुर इमरजेंसी आर्बिट्रेटर ने रोक लगा दी थी।
यह पूरा मामला हाई कोर्ट में चल रहा था, हाईकोर्ट ने इस रोक को जारी रखा था जिसमें हाई कोर्ट ने कहा था कि वह रिलायंस और फ्यूचर के सौदे को रोकने के आदेश को लागू करेगा।

यह पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट गया जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आदेश जारी किया कि यह पूरी कार्यवाही जो हाई कोर्ट में चल रहे हैं सिंगापुर इमरजेंसी आर्बिट्रेटर के फ़ैसले को लागू करने के संबंध में वह 4 सप्ताह के लिए रुकी रहेगी रहेगी।
फ्यूचर रिटेल कंपनी तकनीकी एनालिसिस
फ्यूचर रिटेल कंपनी ने 27 नवंबर 2017 को अपना सर्वोच्च 640 के लेवल को छुआ था और उस price से आज कंपनी का शेयर प्राइस 93% नीचे आ गया है और यह लगभग ₹48 रुपए पर ट्रेड कर रहा है।
फ्यूचर रिटेल 9 अगस्त 2020 में अपना 160 का लेबल टच किया और उसके बाद से इसकी प्राइस लगातार नीचे गिर रही है अभी यह स्टॉक एक रेंज में फंसा हुआ है जो कि 72 से 50 के बीच का बन रहा है।
अब आगे आने वाले समय में इस कंपनी को लेकर के क्या फैसले आते हैं इस पर हमारी पैनी नजर रहेगी और उसके अनुसार ही स्टॉक के प्राइस में हम लोग बदलाव देखेंगे।
फ्यूचर रिटेल फंडामेंटल एनालिसिस
फ्यूचर रिटेल कंपनी की सेल्स में एक स्थिरता देखने को मिल रही थी |मार्च 2018 से लेकर केमार्च 2020 तक परंतु मार्च 2021 में अचानक सेल के डाटा में भारी गिरावट देखने को मिला|
हालांकि इसके साथ साथ कंपनी के खर्च में भी काफी कमी देखने को मिली
फ्यूचर रिटेल रिवेन्यू ग्रोथ
YEAR | SALES | EXPENSES | OPM% | NET PROFIT |
Mar-18 | 20,106.14 | 19272 | 4% | 11 |
Mar-19 | 20,164.90 | 19119 | 5% | 733 |
Mar-20 | 20,118.32 | 18041 | 10% | 34 |
Mar-21 | 6,261.04 | 6814 | -9% | -3180 |
अगर हम बात करें कंपनी के नेट प्रॉफिट की तोमार्च 2018 में कंपनी का नेट प्रॉफिट 11 करोड़ का था| जो मार्च 2019 में बढ़कर के 733 करोड का हो गया जो मार्च 2020 में घटकर के 34 करोड़ कर रह गया|इसका
मुख्य कारण कोरोनावायरस का प्रभाव रहा| जिस वजह से पूरे विश्व की कंपनियों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा और यह कंपनी भी इन सारी चीजों से अछूता नहीं रही|
मार्च 2021 में इसके प्रॉफिट लॉस में बदल गए और कंपनी को 3180 करोड़ का नेट लॉस हुआ.
कंपनी के इनकम स्टेटमेंट के अनुसार कंपनी बहुत ही बदतर है| कंपनी का ऑपरेशनल प्रॉफिट मार्जिन औसतन दो से तीन प्रतिशत का है| अगर बीते वर्ष के आधार पर कंपनी का औसत ऑपरेशनल प्रॉफिट मार्जिन निकाला जाए वहां – 16% है|
इसी ट्रैक्टर की अन्य कंपनियों का ऑपरेशन प्रॉफिट मार्जिन अधिकतम 43% हैं| किसी भी कंपनी का ऑपरेशनल प्रॉफिट मार्जिन जितना ज्यादा हो उतना सही होता है|
अगर कंपनी के सेल्स देखें तो 2018 से 20 तक कंपनी ने अच्छी खासी सेल की है| परंतु प्रॉफिट के नाम पर कंपनी के पास कुछ भी नहीं है| क्योंकि कंपनी के खर्च काफी अधिक हैं|
Warren Buffett का अनुसार, the great secret to make money is to spend less money.
आप पूछ सकते हैं, अगर कंपनी को इतना लॉस हो रहा है तो कंपनी के पास पैसे आ कहां से रहे हैं?
यह पैसे आ रहे हैं लोन के द्वारा| कंपनी लगता है अपने कर्ज को बढ़ा रही है| इससे कंपनी की तत्कालीन हो सकता है पूर्ति हो जा रही हैं| परंतु लोन के ब्याज को चुकाने में कंपनी का प्रॉफिट खत्म हो जा रहा है|
निष्कर्ष-Amazon And Future Retail Deal In Hindi, कंपनी तकनीकी और फंडामेंटल आधार पर काफी कमजोर है| अगर कंपनी पागलों की तरह LOSS कर रही है|तो जाहिर सी बात है कंपनी आपको पैसे कमा कर देने वाली नहीं है|
हाल ही में कंपनी ने अपना एक महत्वपूर्ण लेबल 45-50 को तोड़ दिया और ₹40 के नीचे ट्रेड करने लगी| कंपनी में ज्यादातर पैसा पब्लिक का फंसा हुआ है| यह लगभग 71% है|फॉरेन इन्वेस्टर्स का करीब 7% हिस्सेदारी है|
चलाक होते हुए भी बेचारे फंसे हुए हैं| क्योंकि कंपनी ने सब के निवेश पर पानी फेर दिया है| मेरी राय यही है, बिना कंपनी के फंडामेंटल को चेक किए निवेश उचित नहीं है| जो कंपनी खुद पैसा नहीं बना सकती वह आपके पैसे को मल्टीप्लाई नहीं कर सकती|
अगर फ्यूचर में जिसके भी हक में निर्णय जाता है, वही कंपनी का कायाकल्प कर सकता है| कंपनी के कर्ज को कम करना होगा| कंपनी के पास अभी 13811 करोड़ों रुपए का कर्ज है| ऑपरेशनल प्रॉफिट मार्जिन को बढ़ाना होगा| और यह तभी संभव है जब अपने खर्च को कम किया जाए|
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