Large Cap Mid Cap And Small Cap Stocks In Hindi
मार्केट कैप एक बहुत ही अच्छा पैमाना है किसी भी कंपनी के मूल्यांकन के लिए|
किसी भी कंपनी वैल्यू का पता हम मार्केट केपीटलाइजेशन के आधार पर लगा सकते है|
जब भी कंपनी शेयर बाजार में आती है तो अपने कुछ शेयर जारी करती हैं| इन शेयरों की कुल संख्या से अगर कंपनी के वर्तमान प्रति शेयर कीमत से गुना करते हैं,
तब जो वैल्यू प्राप्त होता है वह उस कंपनी का मार्केट कैपिटल होता है|
उदाहरण– डाबर शेयर का अभी वर्तमान प्रति शेयर कीमत ₹580 है| डाबर के कुल शेयरों की संख्या 1767856483 है| अब डाबर का मार्केट कैपिटल कितना होगा?
मार्केट कैपिटल = कुल आउटस्टैंडिंग शेरों की संख्या* शेयर का वर्तमान मूल्य
1767856483*580=
1025356760140
जिन कंपनियों के मार्केट कैपिटलज्यादा होता है वे कंपनियांबड़ी कंपनियां होते हैं| भारत में मार्केट कैपिटल के आधार पर कंपनियों को तीन भागों में बांटा गया है|

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Large Cap Stocks in Hindi
लार्ज कैपिटल वाली कंपनियां-(लार्ज कैप स्टॉक) –यह waisi कंपनियां होती है जिनका मार्केट कैपिटल लगभग 20000 करोड़से ज्यादा होता है|
कुछ लार्जकैप (Large cap) कंपनियां हैं जैसे रिलायंस टीसीएस इंफोसिसहिंदुस्तान युनिलीवर आईसीआईसी बैंक एचडीएफसी बैंक इत्यादि |
आमतौर पर लार्जकैप (Large cap) वाली कंपनियों के कीमत स्थिर रहते हैं| इनके प्राइस में बहुत ही कम Volatility देखने को मिलती है|
शेयर बाजार में काफी उथल–पुथल होने के बावजूद भी यह कंपनियां स्थिरता कायम रखती हैं|
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आप यहां हिंदुस्तान युनिलीवर का चार्ट देख रहे हैं| कोरोनावायरस के समय जब बाजार 40% तक गिर गया था|
हिंदुस्तान युनिलीवर में बहुत ही मामूली गिरावट आई| हिंदुस्तान युनिलीवर ने अपने वैल्यू को कायम रखने में अहम भूमिका निभाई|
अगरआप अपने निवेश को काफी अधिक सुरक्षित देखना चाहते हैं, तो आप लाज कैपिटल (Large cap) वाली कंपनियों में निवेश के बारे में विचार कर सकते हैं|
Large cap वाली कंपनियों में निवेश सुरक्षित है परंतु हमें कम रिटर्न के प्राप्ति होती है|
Mid Cap Stocks in Hindi
मिड कैप (Mid Cap) कंपनियां– जिन कंपनियों के मार्केट कैप का वैल्यू 5000 से लेकर 20 हजार करोड़ के बीच होता है|
उन कंपनियों को मिडकैप (Mid Cap) कंपनियांबोला जाता है| स्कॉट एमआरएफ सन टीवी जैसी कंपनियां मिडकैप कंपनियों की श्रेणी में आती हैं|
आमतौर पर यह वह कंपनियां हैं जो भविष्य में लाज कैपिटल की कंपनियां बन सकती हैं| इन कंपनियों में अच्छा पोटेंशियल होता है

Small Cap Stocks In Hindi
स्मॉल कैपिटल (Small Cap Stocks ) की कंपनियांया स्मॉल कैप कंपनी– यह भी कंपनियां होती हैं जिनका मार्केट कैपिटल 5000 करो रुपए सेकम होता है|
आमतौर पर ऐसे कंपनियों में निवेश एक नए निवेशक के लिए खतरनाक होता है| (Small Cap Stocks )कंपनियां काफी अधिक volatile होती हैं|
इन के शेयर की कीमत में उतार–चढ़ाव काफी तेजी से होता है|

(Large Cap Mid Cap And Small Cap Stocks In Hindi)
माइक्रो कैप कंपनियां– आमतौर पर जो ए स्मॉल कैप कंपनियों में भी बहुत छोटी कंपनियां हैं उन कंपनियों को माइक्रोकैप कंपनियों की श्रेणी में रखा गया है|
इन कंपनियों का मार्केट कैपिटल बहुत ही कम होता है| यह कंपनियां काफी अस्थिर मानी जाती हैं| इन कंपनियों में निवेश खतरनाक हो सकते हैं|
क्योंकि यह छोटे कैपिटल की कंपनियां होती है| ऐसे में इनके दिवालिया होने के संभावना ज्यादा होती है| अगर कंपनी दिवालिया होती है तो निवेशक के पैसे डूबते हैं|
इसीलिए छोटे कैपिटल की कंपनियां ज्यादा खतरनाक मानी जाती हैं|
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यह कंपनियां नए निवेशक को परेशान कर सकती हैं| परंतु इन कंपनियों में पोटेंशियल बहुत अधिक होता है| यह कंपनियां भविष्य में लार्जकैप की कंपनियां बन सकती हैं|
सही कंपनी के चुनाव के लिए काफी अधिक विश्लेषण की जरूरत होती है| जिसे अभ्यास से सीखा जा सकता है|
अगर आप अपने निवेश किए हुए पैसे पर ज्यादा रिटर्न चाहते हैं|आप ज्यादा रिस्क लेने को तैयार हैं तो आप अपने पैसे के कुछ हिस्से को छोटे कंपनियों में निवेश कर सकते हैं|
आप चाहे तो इन तीनों तरह की कंपनियों में निवेश कर सकते हैं| इससे आपका पोर्टफोलियोविविधता पूर्ण बन जाएगा| इससे आपका रिस्क फैक्टर कम हो जाएगा|
शेयर बाजार में हमेशा रिस्क रहता है| आप इस रिस्क को कम कर सकते हैं परंतु पूरी तरह से हटा नहीं सकते|
Risk and Volatility In Hindi-(Large Cap Mid Cap And Small Cap Stocks In Hindi)

जब भी अब बाजार में निवेश करते हैं रिस्क मौजूद होता है और यह शेयर बाजार का मूलभूत चीज है| इसे आप नकार नहीं सकते हैं|
इसे आप कम करने का प्रयास जरूर कर सकते हैं| हमारा शेयर बाजार समझने का यही मकसद भी है|
जब किसी शेयर के या इन्वेस्टमेंट के प्राइस में काफी तेजी से उतार–चढ़ाव होता है तो इसे Volatility कहा जाता है|
आमतौर पर निवेशक इस शब्द का इस्तेमाल किसी शेयर के प्राइस का काफी तेजी सेनीचे आ जाने की समय करते हैं|
उदाहरण– जब शेयर बाजार में डर और लालच काफी बढ़ जाता है तो ऐसी स्थिति में ही Volatility जन्म लेती है|
इस वोलैटिलिटी कोमापने के लिए इंडियाविक्स(india vix) नामक इंडेक्स मौजूद है| जबइसके वैल्यू में बढ़ोतरी होती है तो इसका मतलब है वोलैटिलिटी(Volatility)का बढ़ जाना|
शेयर बाजार में इतनी वोलैटिलिटी (Volatility) क्यों है?(Large Cap Mid Cap And Small Cap Stocks In Hindi)
पहले शेयर खरीदने के लिए लोगों को अपने शेयर दलाल या ब्रोकर को कॉल करना पड़ता था| वह बाजार शुरू होने के बाद अपने शेयर दलाल को कॉल करते थे और शेयर खरीदने के बारे में बोलते थे|
परंतु आज समय बदल गया है, क्योंकि हमारे पास बेहतर तकनीक उपलब्ध हुई है| आज हमें शेयर खरीदने के लिए बस Buy बटन पर क्लिक करना होता है|
डिस्काउंट ब्रोकर बाजार में आए हैं जो सस्ते दर पर ट्रेडिंग करने का मौका दे रहे हैं| ऐसे में लोगों में जल्दबाजीबढ़ गई है|
हम लोगों के साथ साथ जो बड़े फाइनेंसियल कंपनियां हैं वह भी बड़े पैसे का ट्रेड कुछ सेकंड में बना रही हैं, जो वोलैटिलिटी को काफी अधिक बढ़ा देता है|
निष्कर्ष (Conclusion)-(Large Cap Mid Cap And Small Cap Stocks In Hindi)
शेयर बाजार में कंपनियों को उनकेमार्केट केपीटलाइजेशन के आधार परमूलतः तीन भागों में बांटा गया है|
लार्ज कैप कंपनियां जिन्हेंलार्ज कैप स्टॉक्स भी बोला जाता है| मिडकैप कंपनियां तथा स्मॉल कैप कंपनियां|
लोग अपने निवेश सुगमता के आधार पर इन अलग–अलग कंपनियों में निवेश करते हैं|
इन कंपनियों के सम्मिश्रण में निवेश करके निवेशक अपने निवेश को अधिक सुरक्षित बनाते हैं| वह ऐसेकरके विविधता पूर्ण पोर्टफोलियो का निर्माण करते हैं|
लार्ज कैपिटल वाली कंपनियां-(लार्ज कैप स्टॉक) –यह waisi कंपनियां होती है जिनका मार्केट कैपिटल लगभग 20000 करोड़से ज्यादा होता है| मिड कैप (Mid Cap) कंपनियां– जिन कंपनियों के मार्केट कैप का वैल्यू 5000 से लेकर 20 हजार करोड़ के बीच होता है| स्मॉल कैपिटल (Small Cap Stocks ) की कंपनियां स्मॉल कैप कंपनी– यह कंपनियां होती हैं जिनका मार्केट कैपिटल 5000 करो रुपए से कम होता है|
जब भी कंपनी शेयर बाजार में आती है तो अपने कुछ शेयर जारी करती हैं| इन शेयरों की कुल संख्या से अगर कंपनी के वर्तमान प्रति शेयर कीमत से गुना करते हैं, तब जो वैल्यू प्राप्त होता है वह उस कंपनी का मार्केट कैपिटल होता है|
आमतौर पर जो ए स्मॉल कैप कंपनियों में भी बहुत छोटी कंपनियां हैं उन कंपनियों को माइक्रोकैप कंपनियों की श्रेणी में रखा गया है| इन कंपनियों का मार्केट कैपिटल बहुत ही कम होता है| यह कंपनियां काफी अस्थिर मानी जाती हैं| इन कंपनियों में निवेश खतरनाक हो सकते हैं|
क्योंकि हमारे पास बेहतर तकनीक उपलब्ध हुई है| आज हमें शेयर खरीदने के लिए बस Buy बटन पर क्लिक करना होता है| डिस्काउंट ब्रोकर बाजार में आए हैं जो सस्ते दर पर ट्रेडिंग करने का मौका दे रहे हैं| ऐसे में लोगों में जल्दबाजीबढ़ गई है|
आमतौर पर ऐसे कंपनियों में निवेश एक नए निवेशक के लिए खतरनाक होता है| (Small Cap Stocks )कंपनियां काफी अधिक volatile होती हैं| इन के शेयर की कीमत में उतार–चढ़ाव काफी तेजी से होता है| Large Cap Mid Cap And Small Cap Stocks kya hai?
कंपनी का मार्केट कैपिटल kya होता है?
माइक्रो कैप कंपनियां(micro cap stocks )kya hai?
शेयर बाजार में इतनी वोलैटिलिटी (Volatility) क्यों है?
Small Cap Stocks में निवेश एक नए निवेशक के लिए खतरनाक क्यों होता है?
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