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Options Trading For Beginners In Hindi
(Options Trading For Beginners In Hindi-maya shares)
परिचय– ऑप्शन में ट्रेड करने से पहले आपको ऑप्शन के व्यवहार का बड़े ही विस्तृत रूप में जानकारी होनी चाहिए| और यह तब तक संभव नहीं है जब तक आप ऑप्शन के बिहेवियर के मूल बातों को ना समझ रहे हो|
ऑप्शन के प्राइस अलग–अलग स्थितियों में अलग–अलग तरह से व्यवहार करते हैं| यह अलग–अलग स्थितियां ऑप्शन के मूल्य को निर्धारितकरती हैं|
ऑप्शन में ट्रेड करने से पहले आपको यह भी जानना है कि क्या आप ऑप्शन में ट्रेड करने के लिए तैयार हैं? कौन से ऑप्शन आपके लिए बेहतर है? Maya shares अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं कि आप ऑप्शन को बेहतर ढंग से समझ सके।
Risk of option trading
मेरे कहने का अर्थ यह है, कि कुछ लोग बड़ा रिस्क ले सकते हैं तो वह अलग तरीके से अपने लिए ऑप्शन का चुनाव करते हैं|
कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनको कम रिस्क लेना पसंद है उनके लिए अलग ऑप्शन का चुनाव होता है| यही शेयर चुनने में भी सही है|
जिन लोगों को ज्यादा रिस्क पसंद हैवह छोटे कैपिटल के शेर को चुन सकते हैं|
जिन लोगों को कम रिस्क लेना सहीलगता है वह बड़े कैपिटल वाले शेयर को चुन सकते हैं |
अतः आप पर निर्भर करता है कि क्या ऑप्शन आपके लिए सही है? क्या यह आपके फाइनेंशियल सिचुएशन और आपके निवेश नीति के लिए सही है?
हमारा यह उद्देश्य है कि आप ऑप्शन को काफी गहराई से समझें और इस काम को हम(maya shares) पूरा करेंगे| तो अब आप तैयार हो जाइए ऑप्शन को बेसिक से एडवांस लेवल तक समझने के लिए|
Basics Of Options Trading In Hindi:-ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है?
what is an Options?
किसी भी स्टॉक का ऑप्शन उस स्टॉक को एक निश्चित प्राइस पर खरीदने या बेचने का अधिकार देता है और वह भी एक निश्चित समय के भीतर|जब हम किसी ऑप्शन को खरीदते हैं या बेचते हैं, तो इससे ऑप्शन ट्रेडिंग कहा जाता है| ऑप्शन ट्रेडिंग ऐसा माना जाता है कि बहुत ही ज्यादा रिस्की है| परंतु आप अपने रिस्क को नियंत्रित कर सकते हैं| और आप अपने रिस्क को नियंत्रित करके अपने लाभ को बढ़ा सकते हैं|
Types of Options
यह दो प्रकार का होता है, कॉल ऑप्शन तथा पुट ऑप्शन| आप दोनों तरह के ऑप्शन को खरीद सकते हैं| साथ ही आप दोनों तरह के ऑप्शन कोबेच सकते है| जो व्यक्ति किसी भी ऑप्शन को चाहे वह कॉल ऑप्शन हो या पुट ऑप्शन हो खरीदता है, तो उसे ऑप्शन बायर (Option buyer) या ऑप्शन का खरीदार बोला जाता है| जो व्यक्ति ऑप्शन को बेचता है चाहे वह कॉल ऑप्शन हो यापुट ऑप्शन हो, उस व्यक्ति को ऑप्शन सेलर (Option Seller) या ऑप्शन राइटर (Option writer) बोला जाता है|
(Options Trading For Beginners In Hindi-maya shares)

स्ट्राइकप्राइसक्याहोताहै?
जब भी हम किसी शेयर के ऑप्शन को किसी विशेष मूल्य पर खरीदते हैं या बेचते हैं तो उस मुल्ले को स्ट्राइक प्राइस बोला जाता है| आमतौर पर स्ट्राइक प्राइस को 5 अंक की दूरी पर रखा जाता है| परंतु जो बड़े शेयर हैं उनके स्ट्राइक प्राइस में यह अंतर ₹10
₹20 या ₹30 का हो सकता है| कुछ शेर ऐसे भी होते हैं जिनके स्ट्राइक प्राइस में
2.5 रूपया का अंतर होता है| जैसे रिलायंस के शेयर में ऑप्शन के स्ट्राइक प्राइस में
₹20 का अंतर है|यह एक्सचेंजनिर्णय लेता है कि किसी शेयर का स्ट्राइक प्राइस क्या होगा|
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(Options Trading For Beginners In Hindi)
रिलायंस स्ट्राइक प्राइस
आप ऊपर दिए हुए तस्वीर में देख रहे होंगे की रिलायंस का स्ट्राइक प्राइस
₹20 के अंतर पर निर्धारित किया गया है| तस्वीर के दाहिने हिस्से में प्रत्येक स्ट्राइक प्राइस कारेट दिया गयाजिसे प्रीमियम भी बोला जाता है|अलग–अलग स्ट्राइक प्राइस के ऑप्शन का अलग–अलग मूल्य होता है|
जो स्ट्राइक प्राइस शेयर प्राइस के काफी नजदीक होता है ,उसका मूल्य सर्वाधिक होता है| जैसे– अगर रिलायंसकास्टॉक अगर 2415 रुपए पर ट्रेड कर रहा है तो रिलायंस के 2420 के स्ट्राइक प्राइस के ऑप्शन का मूल्य सबसे अधिक होगा|
तस्वीर केबाएं हिस्से में शेयर का नाम तथामहीने का नाम दिया हुआ| यह महीने का नाम उसऑप्शन के अंतिम दिन को निर्धारित करता है या उसके एक्सपायरीडेट को बताता है|
कॉल ऑप्शन क्या है?(what is call options?)
कॉल ऑप्शन ऑप्शन के खरीदार को या ऑप्शन के मालिक को किसी विशेष शेयर को खरीदने का अधिकार देता है और वह भी किसी विशेष मूल्य पर| परंतु यह उसका दायित्व नहीं है|
जबकि जो ऑप्शन को बेच रहा है या कॉल ऑप्शन को बेच रहा है, उसका यह दायित्व है कि वह उस कॉल ऑप्शन को उसीमूल्य पर ऑप्शन के खरीदार कोबेचे| आइए हम लोग एक उदाहरण के द्वारा कॉल ऑप्शन को समझने की कोशिशकरते हैं|
कॉल ऑप्शन खरीदना
मान लेते हैं रिलायंस के शेयर का मूल्य अभी ₹2500 है| आप रिलायंस के 500 शेयर खरीदना चाहते हैं| क्योंकि आपको लगता है कि रिलायंस का शेयर 1 महीने में 2600 के ऊपर चला जाएगा| रिलायंस के 500 शेयर खरीदने के लिए ₹125000 की जरूरत पड़ेगी|परंतु आपके पास मात्र ₹10000 हैं| अब इस पैसे में रिलायंस के 500 शेयर नहीं मिल सकते हैं|
परंतु आपके सामने एक आदमी आता है और बोलता है की मुझे आप प्रति शेयर ₹10 दीजिए, अगर रिलायंस इस महीने 2700 भी चला गया तो मैं आपको यह शेयर ₹2600 के मूल्य पर ही दे दूंगा|
कॉल ऑप्शन खरीदार के शर्तें/बेचने वाले की शर्तें(Options Trading For Beginners In Hindi)
अब ऐसे में आप क्या करेंगे? आप रिलायंस के 500 शेयर ₹10 का प्रीमियम देकर खरीद लेंगे| अब जिसने आपसे वादा किया कि मैं रिलायंस का शेयर ₹2600 पर ही देने के लिए बाध्य हूं ,उसके कुछ शर्ते हैं|
अंतिम तिथि |
खरीदार के शर्तें |
बेचने वाले की शर्तें |
31 दिसंबर 2021 |
अगर रिलायंस का मूल्य गिरने लगता है और यह 2400 रुपया आ जाता है|ऐसी स्थिति में मैं इसे नहीं खरीदूंगा| |
अगर रिलायंस का मूल्य महीने की अंतिम तारीख को ₹2600 या उससे ₹1 भी नीचे रहता है तो मैंआपको यह ₹10 प्रीमियम का वापस नहीं करूंगा| |
इस सौदे में मुझे मात्र ₹5000 की हानि है| |
इस सौदे में मुझे अनगिनत हानि हो सकती है| |
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इस सौदे में मुझे अनगिनत लाभ हो सकते हैं| |
इस सौदे में मेरेलाभ या प्रोफिट निश्चित है जोकि 5000 हैं| |
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मेरे प्रीमियम की कीमत समय के साथ कम होते जा रही है| |
अगर रिलायंस 2500 और 2600 के बीच में हीरहता है तो समय के साथ मेरे लाभबढ़ते जाएंगे| |
दोस्तों ऊपर के टेबल में आपने कुछ स्थितियां देखें| इनमें से ज्यादातर स्थितियां यह शर्तें खरीदार के पक्ष मेंहैं| जब खरीदार के पक्ष में इतनी अच्छी बातें हैं, तो फिर ऑप्शन को कोई सेल क्यों कर रहा है| जबकि ऑप्शन सेलिंग में अनगिनत हानि हो सकती है|
दोस्तों इस सीधा साउत्तर है, समय| जैसे–जैसे समय बीतता जाता है जो ऑप्शन के बेचने वाले हैं उनके लाभ बढ़ते जाते हैं जबकि जो ऑप्शन के खरीदार हैं उनकी हनी बढ़ने लगती है| अगले आर्टिकल में हम लोग इस विषय पर बात करेंगे कि आप ऑप्शन खरीद कर भी कैसे अच्छे मुनाफे कमा सकते हैं| अभी हमारा उद्देश्य ऑप्शन के मूलभूत बिंदुओं से परिचय का है|
कॉल ऑप्शन के प्रकार– कॉल ऑप्शन कितने प्रकार के होते हैं?
कॉल ऑप्शन मूलतः दो प्रकार के होते हैं
1.स्टॉक ऑप्शन–
भारतीय शेयर बाजार में कुछ विशेष शेयर ऑप्शन में लिस्टेड है| इन निश्चित शेयरों के ऑप्शन हैस्टॉक ऑप्शनकहलाते हैं| भारतीय शेयर बाजार में लगभग 200 शेयरों में ऑप्शन ट्रेडिंग होती है|जैसे– रिलायंस, टाटा मोटर, आईटीसी, हिंदुस्तान युनिलीवर, एचडीएफसी बैंक, इत्यादि
2.इंडेक्स ऑप्शन–
इंडेक्स ऑप्शन मेंमुख्य रूप से तीन इंडेक्स हैं जिनमें ऑप्शन ट्रेडिंग होती है| वह इंडेक्स है–
NIFTY,BANKNIFTY,FINNIFTY.
पुट ऑप्शन क्या होता है?WHAT IS PUT OPTIONS IN HINDI?
दोस्तों जिस तरह से कॉल ऑप्शन को खरीदा या बेचा जा सकता है उसी तरह से पुट ऑप्शन को भी खरीदा जाता है और बेचा जाता है। जब आप पुट ऑप्शन को खरीदते हैं, आपका मानना है कि बाजार की दिशा नीचे होगी। परंतु जो व्यक्ति पुट ऑप्शन को बेच रहा है वह यह सोच रहा है की बाजार एक निश्चित प्राइस के नीचे नहीं जाएगी। समझ में नहीं आया,चलिए एक उदाहरण से समझते हैं।
PUT OPTIONS BUYER
उदाहरण–मान लेते हैं आपको पता चलता है की कोरोनावायरस फिर से फैल सकता है या कोई बहुत ही खराब न्यूज़ आने वाली है,जिस वजह से बाजार काफी नीचे गिर सकता है।
अभी मान लेते हैं की एनएसई निफ्टी 1700 पर ट्रेड कर रहा है।ऐसी स्थिति में आपने बाजार में निफ्टी का 16500 का पुट ऑप्शन 40 रूपया पर खरीद लिया। अब यहां 16500 क्या है तो दोस्तों यह है स्ट्राइक प्राइस। निफ्टी में हर ₹50 के अंतर पर स्ट्राइक प्राइस एनएससी एक्सचेंज द्वारा निश्चित किया गया है।
अब जब आपने 16500 का पुट ऑप्शन खरीदा है तो आपको फायदा तब होगा जब बाजार 16500 के नीचे आ जाएगा। आपने ₹40 प्रीमियम का दिया है तो 16500 में से ₹40 घटाने पर 16460 बचता है।
अब जब निफ्टी का मूल्य 16460 के नीचे आने लगेगा तो आपको फायदे होने लगेंगे। परंतु अगर एक्सपायरी की तिथि तक बाजार 16460 के ऊपर बंद होता है तो आपको फायदा नहीं होगा।
PUT OPTIONS SELLER
(Options Trading For Beginners In Hindi)
अब ऑप्शन बेचने वाले के दृष्टि से समझते हैं। उसकानना है की बाजार उतना नहीं गिरेगा कि 16500 के नीचे चला जाए। क्योंकि कोरोनावायरस महामारी से बचने के लिए या लड़ने के लिए लोग तैयार हैं। हमारे पास कोरोनावायरस का टीका उपलब्ध हो गया है।
बाजार में थोड़ी बहुत गिरावट आ सकती है परंतु यह 16500 के नीचí2375; बंद होगा यह कम ही संभव है। ऐसी स्थिति में अगर मैं 16500 का पुट ऑप्शन बेंच देता हूं तो मुझे ₹40 प्रीमियम के हिसाब से 50 शेयर का ₹2000 बिना किसी परेशानी के आ जाएंगे।
अब यहां दो स्थितियां सामने आ रही हैं, जो पुट ऑप्शन खरीद रहा है वह यह सोच रहा है कि बाजार नीचे जाएगा। परंतु जो पुट ऑप्शन बेच रहा है वह यह सोच रहा है कि बाजार नीचे नहीं जाएगा|
EXPIRATION DATE-
प्रत्येक ऑप्शन की एक्सपायरी डेट होती है| यह एक ऐसी तिथि होती हैं जिस दिन अगर शेयर का मूल्य स्ट्राइक प्राइस ऊपर नहीं जाता है तो उस ऑप्शन का प्रीमियम जीरो हो जाएगा| इसेआप ऐसे कह सकते हैं की उस तिथि के बाद वह ऑप्शन ट्रेड नहीं होगा क्योंकि उसका वैल्यू 0 हो जाएगा|
भारतीय शेयर बाजार में मूल रूप से 2 तरह के EXPIRATION DATE देखने को मिलते हैं|
-
MONTHLY EXPIRY-
- प्रत्येक महीने की अंतिम बृहस्पतिवार MONTHLY एक्सपायरी की तिथि निश्चित किया गया| इस तरह की एक्सपायरी तिथि सभी स्टॉक के लिए तथा सभी इंडेक्स के लिए निश्चित किया गया है| अगर ऐसा पाया गया की महीने की अंतिम बृहस्पतिवार कोई त्यौहार है जिस वजह से बाजार बंद है, तो MONTHLY EXPIRY एक दिन पूर्व बुधवार को हो जाएगी|
-
WEEKLY EXPIRY-
- सप्ताहिक एक्सपायरी भी भारतीय शेयर बाजार में प्रचलन में है| अधिकांश बड़ेट्रेडर इस एक्सपायरी कालाभ उठाते हैं और हर सप्ताह लाखों कमाते हैं| वीकली एक्सपायरी आमतौर पर प्रत्येक सप्ताह में बृहस्पतिवार को होता है| आप ऐसे समझ सकते हैं की प्रत्येक बृहस्पतिवार को इंडेक्स ऑप्शन की एक्सपायरी होती है जो उस तिथि का ऑप्शन है| स्टॉक के लिए WEEKLY एक्सपायरी नहीं है| अगर बृहस्पतिवार को किसी कारणवश शेयर बाजार बंद रहता है तो WEEKLY ऑप्शन की एक्सपायरी 1 दिन पूर्व बुधवार को हो जाएगी|
OPEN INTREST (OI)-
अगर आप किसी ऑप्शन को खरीदते हैंया बेचते हैं तो आप एक ट्रांजैक्शन को ओपन करते हैं| अगर आप खरीदते हैं तो आप लॉन्ग पोजीशन को बढ़ाते हैं| लॉन्ग पोजीशन का अर्थ हैकी मार्केटबढ़त दिखाएगा| अगर आपबेचते हैं तो आप शार्ट पोजीशन को बढ़ाते हैं| शॉर्ट पोजीशन का अर्थ है बाजार नीचे गिरेगा| ऑप्शन ट्रेडिंग में लॉन्ग होना और शार्ट होना आपके लिए थोड़ा कन्फ्यूजिंग हो सकता है| ऐसी स्थिति मेंसंतोष बनाए रखें| मैं आपके इस कंफ्यूजन को अवश्य दूर करूंगा|
(Options Trading For Beginners In Hindi)
BANKNIFTY OPEN INTREST
निष्कर्ष-(Options Trading For Beginners In Hindi)
आज किस आर्टिकल में हम लोगों ने ऑप्शन ट्रेडिंग के मूलभूत पहलुओं को समझने की कोशिश किए| हमने जाना कॉल ऑप्शन क्या होता है? पुट ऑप्शन क्या होता है? बाजार में आपको कब कॉल खरीदना चाहिए? बाजार में आपको कब फूट खरीदना चाहिए? साथ ही हम लोग ओपन इंटरेस्ट के बारे में जाने स्ट्राइक प्राइस को जानने की कोशिश की| हम लोगों ने ऑपरेशन से लकी दृष्टि से बाजार को समझने की कोशिश की है| अगले आर्टिकल में हम लोग इससे कुछ एडवांस लेवल केमूलभूत बिंदुओं को समझेंगे तथा ऑप्शन ट्रेडिंग के स्ट्रेटजी कोजानेंगे|
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