Tata Steel Share Price Target 2022,2023,2025,2030 | Tata Steel Share Analysis | Tata Steel Share Price Target |
नमस्कार प्रिय मित्रों, आज के इस लेख में हम लोग चर्चा करेंगे, Tata Steel Share Price Target 2022,2023,2025,2030 के बारे में। दोस्तों, हमें Tata Steel Share Price Target 2022,2023,2025,2030 के बारे में जानने से पूर्व।कंपनी के बारे में बेहतर ढंग से समझने की अधिक आवश्यकता है।
Tata Steel Share : Company Overview
टाटा स्टील एक मल्टीनेशनल कंपनी है। इसके व्यापार पूरे देश और दुनिया में फैले हुए हैं। यह मुख्य रूप से जमशेदपुर, झारखंड में स्थित है। टाटा स्टील का मुख्यालय मुंबई में है। कंपनी की स्थापना 1907 एशिया के प्रथम इंटिग्रेटेड स्टील कंपनी के रूप में हुई थी। टाटा स्टील टाटा ग्रुप के ही एक कंपनी है।
Tata Steel Operational Capacity
टाटा स्टील स्टील प्रोडक्शन में विश्व का सर्वश्रेष्ठ कंपनियों में से एक है। यह विश्व के लगभग 100 देशों और 6 महाद्वीपों में कार्यरत हैं। कंपनी का एनुअल क्रूड स्टील उत्पादन क्षमता लगभग 35 मिलियन टन पर एनम है।
भारत में। कंपनी का स्टील उत्पादन क्षमता लगभग 20 मिलियन टन पर एनम से अधिक है। वही सिर्फ यूरोप में कंपनी का 12.4 मिलियन टन पर एनम का क्रूड स्टील उत्पादन क्षमता है।
टाटा स्टील ने 2015 में थाईलैंड की एक स्टील बनाने वाली कंपनी मिलेनियम स्टील में एक बड़ी हिस्सेदारी खरीदी | इससे कंपनी को साउथ ईस्ट एशिया में अपने ऑपरेशन फैलाने में मदद मिलेगी |
Tata Steel Share Price History
Date | OPEN | CLOSE | 52W H | 52W L |
27-May-20 | 282.2 | 287.95 | 518.6 | 250.85 |
30-Jun-20 | 323.1 | 326.7 | 514.85 | 250.85 |
31-Jul-20 | 365.6 | 366.3 | 506 | 250.85 |
31-Aug-20 | 426.5 | 413 | 506 | 250.85 |
30-Sep-20 | 371.05 | 359.75 | 506 | 250.85 |
30-Oct-20 | 402.7 | 410.55 | 506 | 250.85 |
27-Nov-20 | 570 | 577.35 | 582.35 | 250.85 |
31-Dec-20 | 636.55 | 643.65 | 653.5 | 250.85 |
29-Jan-21 | 630.05 | 601 | 731.5 | 250.85 |
26-Feb-21 | 725 | 715.15 | 753 | 250.85 |
30-Mar-21 | 780 | 800 | 810 | 250.85 |
30-Apr-21 | 1,024.00 | 1,034.00 | 1,052.60 | 262.45 |
31-May-21 | 1,112.00 | 1,125.65 | 1,246.85 | 300 |
30-Jun-21 | 1,181.05 | 1,166.60 | 1,246.85 | 312.1 |
30-Jul-21 | 1,455.65 | 1,434.30 | 1,481.80 | 342.75 |
31-Aug-21 | 1,445.00 | 1,450.25 | 1,534.50 | 342.75 |
30-Sep-21 | 1,303.00 | 1,288.90 | 1,534.50 | 355.65 |
29-Oct-21 | 1,290.25 | 1,315.95 | 1,534.50 | 395.2 |
30-Nov-21 | 1,110.95 | 1,071.20 | 1,534.50 | 576.95 |
31-Dec-21 | 1,105.00 | 1,111.45 | 1,534.50 | 596 |
31-Jan-22 | 1,109.90 | 1,085.55 | 1,534.50 | 597.45 |
28-Feb-22 | 1,134.00 | 1,220.75 | 1,534.50 | 681.25 |
31-Mar-22 | 1,308.00 | 1,307.20 | 1,534.50 | 777.9 |
29-Apr-22 | 1,268.00 | 1,271.05 | 1,534.50 | 930.05 |
27-May-22 | 1,062.50 | 1,043.50 | 1,534.50 | 991.8 |
Tata Steel Share Price History 2020
2020, कोरोना वायरस का समय था। 23 मार्च 2020 को शेयर बाजार ने इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट देखी थी। निफ्टी करीब 1135 अंक गिरकर 7582 रुपये तक पहुँच गया। उस दिन निफ्टी में 12.98% की गिरावट दर्ज हुई।
टाटा स्टील में भी गिरावट आई परंतु शेयर अपने ओपनिंग के आसपास ही close किया। उस दिन टाटा स्टील ₹268 पर ओपन हुआ और ₹271 पर क्लोजिंग दी। मेटल सेक्टर में कोई बड़ी गिरावट देखने को नहीं मिली।
यदि आप Tata Steel Share Price History को देखते हैं तो बहुत सारी बातें सामने निकल कर आती है। यदि हम बीते दो वर्षों की बात करें तो, जीस टाटा स्टील का शेयर प्राइस,27 मई 2020 को ₹280 के आसपास चल रहा था। कंपनी का 52 week high 514 रुपए की थी।
Tata Steel Share Price History 2021
उसी टाटा स्टील का शेयर प्राइस अगस्त 2021 के अंत तक ₹1450 तक पहुँच गया। साथ ही कंपनी ने ₹1534 का all time high के लेबल को भी टच किया।
इस तरह से कंपनी को 6 गुना अधिक वृद्धि करने में करीब एक वर्ष तीन महीने का समय लगा। इस तरह की शानदार रिकवरी आम तौर पर फंडमेंटल रूप से कमजोर शेयरों में नहीं देखने को मिलता है।
इसमें यह तर्क दिया जा सकता है कि लगभग सारी कंपनियों ने ऐसे ही रिकवरी दिखाई है। हाँ, यह बात सही है, परन्तु बहुत सारी कंपनियों मैं अब बिकवाली देखने को मिल रही है। क्योंकि वे खामखा ही बढ़ गई थी।
शेयर बाजार के काफी गिर जाने के कारण बहुत सारे निवेशक बाजार में आए। उन्होंने जैसे तैसे जैसी तैसी कंपनियों में बहुत सारे शेयर खरीद लिए। चुकी कंपनियों का फंडामेंटल अच्छा नहीं था। ऐसे में जब बाजार संभल चुका है तो उनमें गिरावट देखने को मिल रही है।
यदि हम कोरोना वायरस के समय से पूर्व भी टाटा स्टील के शेयर प्राइस को देखते हैं, तो पाते हैं कि यह करीब ₹500 पर ट्रेड कर रहा था। यदि हम कोरोना वायरस के पूरे समय को भूल भी जाएं, तो भी कंपनी ने हमारे पैसे को तीन गुना किया है। इस कार्य को करने में कंपनी को करीब ढ़ाई वर्ष का समय लगा।
Tata Steel Share Price History 2022
कुछ सरकारी नीतियों के कारण, मेटल सेक्टर में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। टाटा स्टील में यह गिरावट लगभग अप्रैल के दूसरे सप्ताह में आरंभ हुआ। उस समय कंपनी करीब 1385 के आसपास व्यापार कर रही थी।
40 दिनों में कंपनी में करीब 28% की गिरावट दर्ज हुई है। यह गिरावट लगभग 380 अंकों का है। अकेले सिर्फ टाटा स्टील में ही गिरावट नहीं आई हुई है। JSW स्टील में करीब बहुत 32% की गिरावट आयी हुई है। SAIL में करीब 40% की गिरावट दर्ज हुई है।
जो 27 मई 2022 को 1043 रुपए पर व्यापार कर रहा है। हालांकि, यह मेटल सेक्टर में गिरावट के बाद का मूल्य है।
Acquisition By Tata Steel
- NatSteel Acquisition– टाटा स्टील ने 2004 में NatSteel का एक्विजिशन 486.4 मिलियन में किया। Natsteel एक स्टील की प्रोडक्शन करने वाली सिंगापुर की कंपनी है। अधिग्रहण के समय इस कंपनी की उत्पादन क्षमता दो मिलियन टन प्रतिवर्ष थी।
- Millenium Acquisition- स्टील ने 2005 में थाईलैंड की स्टील निर्माता कंपनी मिलेनियम स्टील में एक बड़ी हिस्सेदारी खरीदी। 2013 के आंकड़ों के अनुसार मिलेनियम स्टील में कंपनी की हिस्सेदारी 68% है।
- Corus Acquisition- टाटा स्टील ने 2006 में एंग्लो डच कंपनी Corus के साथ एक समझौता किया। इस समझौते के तहत, 455 pence प्रति शेयर की दर से 8.1 बिलियन डॉलर में कंपनी का 100% स्टेक खरीदने की बात हुई।
- नवंबर 2006 में ब्राजीलियन कंपनी CSN ने 475 pence प्रति शेयर की दर से एक काउंटर ऑफर Corus को किया। जवाब में टाटा ग्रुप ने में ही ₹500 pence प्रति शेयर का ऑफर किया। CSN ने एक बार फिर 515 pence प्रति शेयर का ऑफर किया। अंततः एक bid टाटा ग्रुप ने कोरस को 608 pence प्रति शेयर की दर पर जीत लिया। इस मु्द्दे पर Corus का Valuation 12 बिलियन डॉलर का हो गया। उस समय Corus ए स्टील प्रोडक्शन में विश्व में नौवां स्थान रखती थी, और यह टाटा स्टील से करीब चार गुनी बढ़ी थी। इस एक्विजिशन के पश्चात् टाटा स्टील स्टील के उत्पादन में विश्व में 56 वें स्थान से पांचवें स्थान पर आ गया।
- इसी तरह से कंपनी ने। Tayo rolls, Stell Engineering, Vinau Steel,Bhusan Steel, Nilachal Ispat Nigam इत्यादि का अधिग्रहण भी किया।
Tata Steel Share : Revenue breakup
टाटा स्टील अपने कुल रेवेन्यू का 51% इंडिया से प्राप्त करती है। कुल रेवेन्यू का 26% यूरोप से प्राप्त करती है जिसमें यूनाइटेड किंगडम शामिल नहीं है।
अकेले UK से 9% रेवेन्यू प्राप्त होता है। पूरे एशिया से कंपनी का 7% रेवेन्यू आता है, जिसमें इंडिया शामिल नहीं है। विश्व के अन्य क्षेत्रों से कंपनी का 7% रेवेन्यू प्राप्त होता है।
Tata Steel Share Overview
Market cap | 1,30,851.26 CR |
Number of share | 1222.34 CR |
Current market price | 107.05 |
P/E | 4.31 |
Industry P/E | 4.51 |
EPS | 24.83 |
P/B | 1 |
ROE | 16% |
ROCE | 17% |
debt-to-equity | 0.66 |
Promoters holding | 33.9% |
Tata Steel Share Financial Overview
जो लोग पैसे कमाते हैं, उनकी सराहना हर कोई करता है। कंपनियों के विषय में भी यही सत्य है। जो कंपनियां मुनाफा कमा कर देती है, निवेशक उसकी सराहना करते हैं। और उसके अधिक से अधिक शेयर खरीदते हैं।
किसी भी कंपनी के लंबे समय तक, कार्यशील रहने के लिए मुनाफ़े का कमाना बहुत आवश्यक है।नीचे चित्र में आप टाटा स्टील का प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट देख सकते।
कंपनी के इस मुनाफ़े को हम लोग प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट में दिखाते हैं। जैसे हम लोग इनकम स्टेटमेंट भी कहते हैं।अगर आप इन्कम स्टेटमेंट के बारे में नहीं जानते हैं तो नीचे दिए गए आर्टिकल को पढ़ सकते हैं।
Income Statement Kya Hota Hai

Love To Read -Revenue Kya Hota Hai
टाटा स्टील के सेल्स की बात करें, तो इसमें काफी उम्दा प्रदर्शन देखने को मिलता है। जैसा कि आप नीचे चित्र में देख सकते हैं। यदि हम बीते पांच वर्षों की बात करें, तो टाटा स्टील एक अच्छी गति से अपने revenue को बढ़ा रहा है।

2020-21 का समय कोरोनावायरस का समय रहा है। इस समय कंपनी का sales or revenue काफी कम हो गया था। सिर्फ टाटा स्टील ही नहीं, विश्व की सारी कंपनियां इससे प्रभावित हुई थी।

जब हम लोग कंपनी के sales or revenue में से उसके खर्चों को घटा लेते हैं, तब हमें ऑपरेटिंग प्रॉफिट प्राप्त होता है। ऑपरेटिंग प्रॉफिट कंपनी का लगातार बढ़ रहा है। साथ ही साथ ध्यान देने वाली बात ये है, कि कंपनी का ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन बढ़ रहा है। यह इस बात का संकेत देता है कि कंपनी अपने खर्चों को अच्छे तरीके से प्रबंधित कर रही है।
जैसा कि आप देख सकते हैं, मार्च 2020 में कंपनी मात्र 12% ऑपरेटिंग प्रॉफिट के रूप में कमा पा रही थी। वहीं मार्च 2021 में यह ऑपरेटिंग प्रॉफिट बढ़कर 20% हो गया और मार्च 2022 में 26%.
स्टील मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में, मात्र एक जेएसडब्ल्यू (JSW) स्टील है जिसका ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन 26% है। SAIL का ऑपरेटिंग प्रॉफिट मात्र 20% है, जो की तीसरे नंबर पर है। अन्य किसी भी कंपनी का ऑपरेशनल प्रॉफिट मार्जिन, टाटा स्टील के मुकाबले काफी कम है।कई कंपनियों के तो ऑपरेशनल प्रॉफिट मार्जिन सिंगल डिजिट में है।

जब कंपनियां अपनी इंटरेस्ट और डेप्रिसिएशन, को घाटा लेती है, तो हम एक बेहद महत्वपूर्ण लेबल पर पहुंचते हैं जिसे प्रॉफिट बिफोर टैक्स PBT बोला जाता है।
आप देख सकते हैं कि कैसे टाटा स्टील इंटरेस्ट और डेप्रिसिएशन के रूप में एक बड़ी अमाउंट को चुका रही है। क्योंकि, टाटा स्टील का व्यापार ऐसा है जिसमें बड़ी – बड़ी मशीनों की आवश्यकता है। इन मशीनों के वैल्यू धीरे धीरे कम होते जाते हैं।
साथ ही कैपिटल इनटेंसिव् बिज़नेस होने के कारण कंपनी पे कर्ज भी है। हालांकि टाटा स्टील अपने कर्जों को लगातार कम करते जा रही है।

प्रॉफिट बिफोर टैक्स में से जब सरकार अपना हिस्सा ले लेती है टैक्स के रूप में तब हमें प्राप्त होता है नेट प्रोफिट। यह नेट प्रोफिट शेयर होल्डर का पैसा है। जिसे शेयर होल्डर में बांट देना होता है।
क्योंकि इसी प्रॉफिट के लिए शेयर होल्डर काफी रिस्क लेकर कंपनियों में पैसे निवेश करते हैं। आम तौर पर प्रॉफिट का सारा पैसा कंपनियां शेयर होल्डर में नहीं बांटती है।
क्योंकि कंपनियों को कुछ ग्रोथ करना होता है और इसके लिए ये पैसा आवश्यक है। यह कंपनी में रिज़र्व के रूप में जमा हो जाता है।
टाटा स्टील के नेट प्रॉफिट की बात करूँ तो पिछले वर्ष की तुलना में करीब पांच गुना अधिक प्रोफिट लाई है कंपनी। और आप देख सकते हैं टाटा स्टील में एक अच्छा अवसर है।
Tata Steel Balance Sheet
किसी भी कंपनी का बैलेंस शीट उसका हेल्थ स्टेटस होता है। आप इसे हेल्थ कार्ड भी कह सकते हैं। कंपनी की बिज़नेस करने के लिए उसके पैसे की सोर्स क्या है? कंपनी इस पैसे को कहाँ उपयोग कर रही है? मुख्य रूप से इन दो बातों का ही जिक्र होता है बैलेंस शीट में।
जिसे हम लोग आसान भाषा में एसेट और लाइबिलिटीज कहते हैं। आइए टाटा स्टील के बैलेंस शीट को देखकर कंपनी के स्थिति का अनुमान लगाएं।
Tata Steel Share Price Target 2022,2023,2025,2030जैसा कि आप देख सकते हैं, चुकी कंपनी कैपिटल इनटेंसिव् बिज़नेस में है ऐसे में कंपनी की सबसे बड़ी संपत्ति प्रॉपर्टी प्लांट और इक्विपमेंट के रूप में है। यह संपत्ति 2021 में 68777.62 cr थी।
कंपनी का गवर्नमेंट सिक्योरिटी ,ट्रेजरी, बॉन्ड, इत्यादि में 51,066 करोड़ का इन्वेस्टमेंट है।यह कंपनी की दूसरी बड़ी संपत्ति है। कंपनी ने 10763.99 cr लोन और एडवांस भी दिए हुए हैं जो एक वर्ष से अधिक की अवधि के लिए दिए गए हैं।
एक बड़ी कैपिटल 10057.18 cr कंपनी के वर्क इन प्रोग्रेस में हैं। यानी इतने रुपए की संपत्ति पर अभी काम चल रहा है। अर्थात प्रॉडक्ट बनकर तैयार नहीं हुआ है।
यदि आप कैपिटल वर्क इन प्रोग्रेस को देखते हैं तो पाते हैं , कि यह साल दर साल बढ़ रहा है। इसका क्या अर्थ है? जैसे जैसे कंपनी बड़ी हो रही है, लोगों में इसके प्रोडक्ट्स की डिमांड बढ़ रही है।
ऐसे में कंपनी को अधिक से अधिक प्रोडक्शन करना पड़ रहा है। कंपनी का वर्क इन कैपिटल बढ़ाना पड़ रहा है।
कंपनी के पास 23,756 करोड़ की करंट एसेट है। यदि हम टोटल एसेट्स की बात करें तो 2017 से लेकर 2021 तक यह लगातार ग्रोथ में रहे हैं। 2017 में जहाँ कंपनी का एसेट। 1,11,465.41 करोड़ था। वहीं 2021 में यह बढ़कर 1,65,035.99 करोड़ हो गया।
यहाँ आप कंपनी की संपत्ति में एक अपट्रेंड को महसूस कर सकते हैं।
सिर्फ संपत्ति का विश्लेषण करने से कुछ ज्ञात नहीं होता है। हो सकता है यह सारी संपत्तियां कर्ज लेकर खरीदी गई हो। ये है कैसे?ज्ञात होगा कि कंपनी के पास पैसे आए कहाँ से? कंपनी को पैसे दो ही जगह से आते हैं।
पहला मालिक से और दूसरा किसी बाहरी से।
आइए कंपनी का लाइबिलिटीज को देखकर पता करते हैं, कंपनी ने आखिर कहाँ से कितने पैसे लिए है?

कंपनी की लायबिलिटीज में, हम लोग सबसे पहले बात करेंगे इक्विटी शेयर कैपिटल के बारे में। इसे शेयर कैपिटल भी कहा जाता है।
टाटा स्टील के पास मार्च 2018 से लेकर मार्च 2020 तक 1144.95 cr का शेयर कैपिटल था।
जो मार्च 2021 में बढ़कर 1197.61 cr हो गया, तथा मार्च 2022 में बढ़ कर 1221.21 cr हो गया।
कंपनी ने अपने शेयर कैपिटल को मार्च 2021 तथा मार्च 2022 में बढ़ाया है।
NOTE- ऊपर के क्षेत्र में आपको शेयर कैपिटल का आंकड़ा अलग दिख रहा होगा। इसे अप मनीकंट्रोल तथा स्क्रीन अर की वेबसाइट पर चेक कर सकते हैं। ऊपर के चित्र में सिर्फ शेयर कैपिटल का आंकड़ा अलग है।
अन्य सभी आंकड़े कंपनी की ऑफिसियल रिपोर्ट से पूरी तरह मैच करते हैं।परन्तु मनीकंट्रोल तथा SCREENER की वेबसाइट के आंकड़े अलग है।
इसे आम तौर पर निगेटिव रूप में देखा जाता है। क्योंकि इसका अर्थ है कंपनी नए शेयर को बेचकर पैसा इकट्ठा कर रही है। परन्तु शेयर कैपिटल में यह बढ़ोतरी बहुत छोटी है।
Reserve And Surplus- कंपनी का रिज़र्व एंड सर क्लास एक अच्छी गति से आगे बढ़ रहा है।
जहाँ कंपनी के पास मार्च 2017 में 48667.60 CR कर रिज़र्व था।
वह 2021 में बढ़कर के 89293.33 cr हो गया। यह दर्शाता है कि पिछले पांच वर्षों में कंपनी का रिज़र्व लगभग दोगुना हो गया है।
Borrowings- कंपनी अपने कर्ज को लगातार घटा रही है। परंतु कुछ कर्ज वाजिब भी होते हैं। क्योंकि इस पर टैक्स में छूट मिल जाता है।
अगर कंपनी की सेल्स बढ़ रही है तो यह बेहतर प्रदर्शन करता है। इस बारे में हम लोग किसी अन्य आर्टिकल में विशेष रूप से बात करेंगे।
Current Liabilities- यदि हम कंपनी की करेंट लाइबिलिटीज को देखते हैं तो पाते हैं की यह कंपनी के current assets से ज्यादा है।
जो एक निगेटिव पहलू है। क्योंकि अगर कंपनी को अपने तत्काल के लाइबिलिटीज को देना पड़े तो कंपनी के पास current assets कम पड़ जाएगा।
किसी भी कंपनी के करंट एसेट और करंट लाइबिलिटीज का ratio 2:1 का होना चाहिए। यहाँ इसका अभाव दिखता है। कुछ कंपनियों का क्रेडिट बहुत अच्छा होता है।
इनके अच्छे व्यवहार के कारण क्रेडिटर्स क्रेडिट पर अधिक माल की सप्लाई करते हैं। जिससे कंपनी को कम करंट एसेट की आवश्यकता होती है। ऐसा सिर्फ काफी प्रतिष्ठित कंपनियों के साथ ही होता है।
फिर भी कंपनी को एक अच्छा ratio मेंटेन करना चाहिए।
Cash Flow Analysis-
आपने वो कहावत तो सुनी होगी-Cash Is King. यह कैसे ज्ञात होगा कि कंपनी के पास cash है या नहीं? इसके लिए हमलोग विश्लेषण करेंगे। कैश फ्लो स्टेटमेंट का|

इतना सब कुछ सही होने के बावजूद कंपनी में cash का फ्लो बहुत कम है। आप ऊपर के चित्र में देख सकते हैं। कंपनी का सिर्फ ऑपरेटिंग कैश फ्लो पॉज़िटिव है।
और ये सारे के सारे पैसे और फाइनेंसिंग ऐक्टिविटी में खर्च हो रहे हैं| नीचे चित्र में बीते दो सालों का अर्थात 2020 और 2021 के इन्वेस्टिंग ऐक्टिविटी का आंकड़ा दिया हुआ।
आप आसानी से देख सकते हैं कि कंपनियों का इन्वेस्टिंग ऐक्टिविटी में किस तरह से पैसे लगते|

इनवेस्टिगेटिव इ टी के बाद जो पैसे बचते हैं वो कंपनी या फाइनेंसिंग ऐक्टिविटी में खर्च करते हैं। नीचे दिए गए चित्र में टाटा स्टील का बीते दो वर्षों का फाइनेंसिंग ऐक्टिविटी में लगा हुआ पैसा गया।

Note- जो आंकड़ा ब्रैकेट में दिखाया गया है। वो निगेटिव में है।
Tata Steel Valuation With peer Comparison – कंपनी के फाइनेंशियल स्टेटमेंट को देखकर यह आसानी से अनुमान लगाया जा सकता है कि कंपनी फंडामेंटली बहुत साउंड है।
अर्थात यह एक निवेश की बेहतर अवसर हो सकती है। SAIL अर्थात स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया के बाद टिल ही सबसे कम BOOK वैल्यू रेशियो पर उपलब्ध है।

कंपनी का अर्निंग पर शेयर (EPS) अन्य सारी कंपनियों से काफी अधिक है। कंपनी का रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) भी काफी अच्छे हालात में है।
यदि कंपनी के रिटर्न ऑन कैपिटल की बात करें तो वह जेएसडब्ल्यू स्टील से अधिक है।
कंपनी का EV/EBITDA Ratio भी अच्छा संकेत दे रहा है। क्योंकि EV/EBITDA Ratio जितना कम होता है उतना अच्छा होता।
यह किसी भी कंपनी के अंडरवैल्यूड तथा ओवरवैल्यूड होने के बारे में बताता है। यह रेशियो भी लगभग सारी कंपनियों से कम है।
Technical Analysis Of Tata Steel

आप ऊपर के चार्ट में देख सकते हैं, टाटा स्टील डबल टॉप बनाकर नीचे आया हुआ है। अभी यह अपने बहुत ही महत्वपूर्ण लेवल 1050 पर हैं।
स्टॉक के लिए 1000 का लेवल एक बहुत ही मजबूत साइकोलॉजिकल लेवल होगा।
बहुत हद तक संभव है कि शेयर यहाँ से अप्पर साइड का मूवमेंट देगा।
क्योंकि एक लंबी गिरावट के बाद शेयर का रिट्रेसमेंट संभावित होता है।
यदि यह 1200 के लेवल को ब्रेक करता है, तो हमारा 1400 का लेबल आता हुआ दिख सकता है।
Tata Steel Share Price Target 2022,2023,2025,2030
Tata Steel Share Price Target | Current Market price | Target Price |
Tata Steel Share Price Target 2022 | 105.85 | 139 |
Tata Steel Share Price Target 2023 | 171 | |
Tata Steel Share Price Target 2024 | 202 | |
Tata Steel Share Price Target 2025 | 241 | |
Tata Steel Share Price Target 2030 | 304 |
निष्कर्ष- आज के इस लेख में हमने टाटा स्टील के बारे में विश्लेषण किया है। कंपनी के फाइनेंशियल स्टेटमेंट को देखकर कंपनी काफी साउंड लगती है।
तथा इसके वैल्यूएशन को भी देखने पर यह काफी अच्छे प्राइस पर उपलब्ध दिखती है। ऐसे में यह एक अच्छा निवेश हो सकता है।
चुकी यह कैपिटल इनटेंसिव् बिज़नेस है तो इसमें कैपिटल की काफी अधिक रिक्वायरमेंट होती है।
ऐसे में कंपनियों का कर्ज में होना आम बात है। परन्तु टाटा स्टील अपने कर्जों को लगातार चुका रही है। यह इसके कैश फ्लो स्टेटमेंट में क्लियर दिखता है।
डेप्रेशिएशन एक अन्य लागत है। यह हमेशा बड़ी बड़ी मशीनों वाली कंपनियों के साथ रहता है और उनके प्रॉफिट को कुतरता रहता है।
साथ ही कंपनी को अपने करंट एसेट और करंट लाइबिलिटीज के RATIO को सुधारना चाहिए।
मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश किया है एक फेयर और विस्तृत विश्लेषण करने का। फिर भी निवेश का फैसला आपका स्वयं का फैसला होगा।
यह हमारे तरफ से किसी शेयर को खरीदने अथवा बेचने की रिकमेंडेशन नहीं है। किसी भी कंपनी में निवेश से पूर्व आप अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह अवश्य ले लें।
धन्यवाद।
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FAQ-Tata Steel Share Price Target 2022,2023,2025,2030
टाटा स्टील स्टील प्रोडक्शन में विश्व का सर्वश्रेष्ठ कंपनियों में से एक है। यह विश्व के लगभग 100 देशों और 6 महाद्वीपों में कार्यरत हैं। कंपनी का एनुअल क्रूड स्टील उत्पादन क्षमता लगभग 35 मिलियन टन पर एनम है।
NatSteel Acquisition– टाटा स्टील ने 2004 में NatSteel का एक्विजिशन 486.4 मिलियन में किया। Natsteel एक स्टील की प्रोडक्शन करने वाली सिंगापुर की कंपनी है। अधिग्रहण के समय इस कंपनी की उत्पादन क्षमता दो मिलियन टन प्रतिवर्ष थी।
टाटा स्टील अपने कुल रेवेन्यू का 51% इंडिया से प्राप्त करती है। कुल रेवेन्यू का 26% यूरोप से प्राप्त करती है जिसमें यूनाइटेड किंगडम शामिल नहीं है। अकेले UK से 9% रेवेन्यू प्राप्त होता है। पूरे एशिया से कंपनी का 7% रेवेन्यू आता है, जिसमें इंडिया शामिल नहीं है। विश्व के अन्य क्षेत्रों से कंपनी का 7% रेवेन्यू प्राप्त होता है।
मार्च 2021 के आंकड़ों के अनुसार टाटा स्टील के ऊपर 27313.80 CR का लोन हैं।
कंपनी की मजबूत स्थिति को देखते हुए Tata Steel Share Price Target 2022 लगभग 140 रुपया तक हो सकता है।
कंपनी की अच्छी आय मजबूत बैलेंस शीट को देखते हुए हम लोग अनुमान लगा सकते हैं कि टाटा स्टील अच्छा प्रदर्शन करेगा। ऐसे में कंपनी का शेयर प्राइस 3000 के स्तर तक पहुँच सकता है। टाटा स्टील के ऑपरेशनल कैपेसिटी क्या है?
NatSteel Acquisition टाटा स्टील के द्वारा कब किया गया?
टाटा स्टील का रिवेन्यू ब्रेकअप क्या है?
टाटा स्टील के ऊपर कितना लोन हैं?
Tata Steel Share Price Target 2022 क्या है?
2030 टाटा स्टील का शेयर प्राइस कितना होगा?