What Is PB Ratio In Hindi

What Is PB Ratio In Hindi | PB Ratio Kya Hai | PB Ratio In Hindi

Introduction (परिचय)-

कोई शेयर सस्ता है या महंगा, यह कैसे ज्ञात किया जा सकता है?अदानी पावर मैं निवेश करना फायदेमंद है या टाटा पावर में?

कोई कंपनी बंद हो जाती है तो हमें क्या मिलेगा, यह कैसे पता चलता है?

ऐसे अनेकों प्रश्न हैं जो आपके मन में आते होंगे? इसी तरह के अनेकों प्रश्नों के जवाब इस लेख (What Is PB Ratio In Hindi) में है ।यह लेख निश्चित ही आपको एक सफल निवेशक बनाने में सहायक होगी।

इससे पहले कि हम लोग P/B Ratio को समझें आइए सबसे पहले संपत्ति और देनदारी को समझ लेते हैं। इससे आपको P/B Ratio को समझने में काफी मदद मिलेगी।

Assets kya hota hai

कोई भी कंपनी को अपने दैनिक कार्यों को पूरा करने के लिए कुछ चीजों की आवश्यकता होती है, जैसे प्लांट, मशीनरी गाड़ियां, भवन, भूमी इत्यादि।

यह सारी वस्तुएं कंपनी की संपत्ति या Assets होती हैं।

यह सारी वस्तुएं हीं कंपनी के जेब में पैसे डालने में मदद करती हैं।

Liability kya hoti hai

कंपनी की कुछ देनदारिया होती हैं। यह वह पैसा होता है जिसे कंपनी को किसी दूसरे को लौटाना होता है। अगर साधारण भाषा में कहा जाए तो यह कंपनी के ऊपर कर्ज होता है। जिसे कंपनी को या तो 1 साल के भीतर चुकाना होता है, या 1 साल से अधिक समय रहता है।

जैसे – Long Term and short term loan,

Account Payable,Differed Tax Liability, wages payable,intres payable इत्यादि।

 

Market Value क्या है?

किसी भी कंपनी का मार्केट में जो वैल्यू होता है उसे कंपनी का मार्केट वैल्यू कहते हैं| किसी भी कंपनी का मार्केट वैल्यू की गणना करने के लिए उसके वर्तमान शेयर प्राइस को  शेयरों की संख्या से गुणा कर दिया जाता है|

उदाहरण- यदि किसी शेयर का प्राइस है ₹100 तथा उस कंपनी के  5000 शेयर बाजार में ट्रेड कर रहे हैं| तो उस कंपनी का मार्केट वैल्यू या मार्केट कैपिटल होगा

5000*100=500000

  • कंपनी का मार्केट वैल्यू और बुक वैल्यू अलग अलग हो सकता है
  • यदि कंपनी का मार्केट वैल्यू और बुक वैल्यू बराबर है तो वैसे ही स्थिति में कंपनी का PB Ratio  एक होता है| और ऐसे में कंपनी  
  • यदि कंपनी का मार्केट वैल्यू बुक वैल्यू से कम हो तो ऐसी कंपनियां अंडरवैल्यूड समझे जाते हैं और निवेश के लिए एक अच्छी अवसर होती हैं|
  • कंपनी का मार्केट वैल्यू बुक वैल्यू से दोगुना या उससे अधिक हो तो कंपनियां ओवरवैल्यूड समझी जाते हैं|
  • अंडरवैल्यूड कंपनियों के ग्रोथ करने के चांद से ज्यादा होते हैं उन कंपनियों की तुलना में जो ओवरवैल्यूड हैं|
  • यदि कंपनी के मार्केट वैल्यू को कंपनी के बुक वैल्यू से भाग दिया जाए तो हमें  जो राशि प्राप्त होगी उसे PB Ratio  बोलेंगे|
  • कंपनी की बुक वैल्यू निकालने का तरीका नीचे का पैराग्राफ में दिया हुआ है|

 

What Is Book Value

जब हम किसी कंपनी के कुल संपत्ति में से उसके सारे कर्जो को घटा देते हैं तो जो राशि हमें प्राप्त होती है उसे बुक वैल्यू कहा जाता है।

इसे दूसरे शब्दों में कहें तो कंपनी के बुक के अनुसार है जो उसका मूल्य या वैल्यू होता है उसे कंपनी का बुक वैल्यू कहते हैं।

उदाहरण – अगर किसी कंपनी के पास ₹50000 की संपत्ति है और कंपनी पर ₹40000 की देनदारी हैं। उस कंपनी का बुक वैल्यू क्या होगा?

Book Value= Assets – Liability

=50000-40000 रुपया

=  10000 रुपया

यह ₹10000 कंपनी का बुक वैल्यू होगा।

मान लेते हैं अगर कंपनी बंद हो जाते हैं तो आपको कितने पैसे मिलेंगे?

कंपनी के बंद होने की स्थिति में आपको कंपनी के बुक वैल्यू के बराबर ही यानी 10000 रूपये मिलेंगे।

हम लोग इस विषय पर आगे और भी गहराई से चर्चा करेंगे।

 

Book Value Per Share kya hai

जब आप किसी कंपनी का बुक वैल्यू ज्ञात कर लेते हैं, तो बुक वैल्यू को कंपनी के कुल शेयरों से( जो बाजार में ट्रेड कर रहे हैं) भाग देते हैं तो जो राशि आपको प्राप्त होती हैं उसे बुक वैल्यू पर शेयर (Book Value Per Share) कहा जाता है।

उदाहरण – जैसा कि आपने ऊपर के उदाहरण में कंपनी का बुक वैल्यू ₹10000 ज्ञात किया है। मान लेते हैं कंपनी के कुल 2000 शेयर ट्रेड कर रहे हैं।

ऐसे में कंपनी का बुक वैल्यू पर शेयर क्या होगा?

Book Value Per Share=Book Value/Total Outstanding Share

10000/2000

= 5

इस तरह कंपनी का बुक वैल्यू पर शेयर होगा 5.

 

Price to Book Value Ratio (P/B Ratio) kya hai

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यदि हम किसी कंपनी के शेयर प्राइस को उस कंपनी के बुक वैल्यू पर शेयर से भाग देते हैं तो हमें पीवी रेश्यो (PB Ratio ) प्राप्त होता है।

उदाहरण – हमने ऊपर के उदाहरण में कंपनी A का बुक वैल्यू पर शेयर 5 निकाला था।

अब मन लेते है की A कंपनी का शेयर प्राइस ₹40 है तो उस कंपनी का पीबी रेश्यो क्या होगा?

P/B Ratio = Share Price/Book Value Per Share

=40/5

   = 8

हमने उस कंपनी का पीबी रेश्यो ज्ञात किया जो की है 8.

इस तरह से आप किसी भी कंपनी का P/B Ratio ज्ञात कर सकते हैं।

 

How to Calculate P/B Ratio In Hindi

What Is PB Ratio In Hindi
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P/B Ratio  को दो तरीके से  कैलकुलेट किया जा सकता है-

Method -1

पीवी रेशों को कैलकुलेट करने के लिए आपको 2 राशियों की जानकारी होनी चाहिए।

  • कंपनी का शेयर प्राइस
  • कंपनी का बुक वैल्यू पर शेयर

 

P/B Ratio = Share Price/Book Value Per Share

 

कंपनी के शेयर प्राइस को कंपनी के बुक वैल्यू पर शेयर से भाग देकर आप कंपनी का प्राइस टू  बुक रेशियो (Price to Book Ratio) या P/B Ratio ज्ञात कर सकते हैं।

Method-2

इसके लिए  हमें 2 राशियों के बारे में जानकारी होनी चाहिए

  1. कंपनी का  मार्केट कैप
  2. कंपनी का बुक वैल्यू

 

बुक वैल्यू ज्ञात करने के बारे में हमने ऊपर बताया हुआ है|

कंपनी का मार्केट कैप आपको बहुत सारे वेबसाइट पर मिल जाएंगे, जैसे मनीकंट्रोल, एनएससी इंडिया

कंपनी के टोटल मार्केट केपीटलाइजेशन को  यदि कंपनी के बुक वैल्यू से भाग दिया जाता है तो हमें  p/b ratio  प्राप्त होता है|

PB RATIO= MARKET CAP/BOOK VALUE

 

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What Is PB Ratio In Hindi

 

this infographics describe about uses and limitations of pb ratio
uses and limitations of pb ratio

What Are Uses Of PB Ratio

  • PB Ratio का उपयोग कंपनी का वैल्यू ज्ञात करने के लिए करते हैं।
  • PB Ratio हमें बताता है कि कोई कंपनी अपने बुक वैल्यू से कितने अधिक premium पर ट्रेड कर रही है।
  • PB Ratio का उपयोग करके हम ज्ञात कर सकते हैं कि कोई कंपनी ओवरवैल्यूड है या अंडरवैल्यूड।

What is good pb ratio

  • अगर किसी कंपनी का PB Ratio 1 से कम होता है तो आमतौर पर उसे अंडरवैल्यूड माना जाता है।
  • हालांकि जो वैल्यू निवेशक हैं उनका मानना है 1 से 3 के बीच का PB Ratio बेहतर है।
  • किसी भी कंपनी का PB Ratio यदि 4 से अधिक है तो उसे ओवरवैल्यूड माना जाता हैैैै। इसका साधारण सा अर्थ है कि कंपनी अपने बुक वैल्यूू से 4 गुनी अधिक प्राइस पर ट्रेड कर  रहीं है।

Limitations Of PB Ratio/ PB RATIO ki simaye

  • P/B Ratio   का सबसे बड़ा लिमिटेशन है, कि यह सिर्फ tangible assets  की वैल्यू को उपयोग करता है|Intangible assets  जैसे कि good will ,patent  इत्यादि का कोई महत्व नहीं होता है|
  • अकाउंटिंग मेथड का तरीका बदल दिया जाता है तो यहां संपत्ति का अलग-अलग वैल्यू देता है|
  • p/b Ratio  को एक ही प्रकार के क्षेत्र में शामिल कंपनियों के विश्लेषण में उपयोग किया जाता है| अलग-अलग इंडस्ट्री के कंपनियों का pb Ratio  भिन्न भिन्न होता है|
  • इसका

Case Study Of P/B Ratio

Case 1- मान लेते हैं  किसी कंपनी A  का tangible assets 50000  रुपया है तथा intangible assets -200000  रुपए का है| कंपनी  के ऊपर 10000 रुपए का कर्ज है| कंपनी का शेयर प्राइस है 40.Total Outstanding Share=2000. ऐसे में कंपनी का बुक वैल्यू  तथा P/B Ratio  क्या होगा?

Book Value= Assets – Liability

=50000-40000

=10000 रुपया

Book Value Per Share=Book Value/Total Outstanding Share

=10000/2000

=5

P/B Ratio = Share Price/Book Value Per Share

=40/5

=8

2. Case 2- मान लेते हैं कोई कंपनी B  है  जिसके पास tangible assets 800000  रुपया है ,intangible assets -20000  रुपए का है|कंपनी  के ऊपर 50000 रुपए का कर्ज है| कंपनी का शेयर प्राइस है 50. Total Outstanding Share=5000,इन दोनों कंपनियों में  कौन सी कंपनी अंडरवैल्यूड है?

Book Value= Assets – Liability

=800000-50000

=750000 रुपया

Book Value Per Share=Book Value/Total Outstanding Share

=750000/5000

=150

P/B Ratio = Share Price/Book Value Per Share

=450/150

=3

 

यहां दोनों कंपनियों के केस में  तुलना करना असामान्य लगता है, क्योंकि पहली कंपनी का के पास इनटेंजिबल ऐसेट का वैल्यू बहुत कम है| जबकि दूसरे कंपनी के पास इनटेंजिबल ऐसेट का value बहुत ज्यादा है|

ऐसे में जब भी अब तुलना करें तो एक जैसे बिजनेस वाली कंपनियों का एनालिसिस एक साथ करें|

उदाहरण के तौर पर  टेक्नोलॉजी से जुड़ी हुई कंपनियों के पास टेजिबल assets कम हो सकते हैं, जबकि इनटेंजिबल ऐसेट ज्यादा हो सकते हैं| ऐसे में इनकी तुलना एक साथ करें|

 

 

 

निष्कर्ष-What Is PB Ratio In Hindi

जिन कंपनियों के विश्लेषण में PE Ratio  उपयोगी साबित नहीं होता है, वैसे कंपनियों का विश्लेषण What Is PB Ratio In Hindi  के आधार पर किया जाता है|

यह एक बहुत उपयोगी Ratio  होता है जिससे हम किसी भी कंपनी के ओवरवैल्यूड या अंडरवैल्यूड होने के बारे में  जानकारी हासिल कर सकते है| P/B Ratio  हमें बताता है कि कोई कंपनी का शेयर प्राइस  उसके बुक वैल्यू से कितना  प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है|

अगर किसी कंपनी का P/B Ratio एक से अधिक होता है तो ऐसा माना जाता है कि कंपनी ओवरवैल्यूड है| यदि किसी कंपनी का शेयर प्राइस एक से कम हो तो उसे अंडरवैल्यूड माना जाता है| परंतु यह हमेशा सही नहीं होता है| कंपनियों के विश्लेषण में और भी बहुत सारी बातों को ध्यान में रखा जाता है| इस विषय पर  आज के  लेख में विशेष चर्चा किया गया है|

 

 

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